
76वें गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी ने देशभर के दर्शकों का दिल जीत लिया। ‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल’ पर आधारित इस झांकी ने अपनी प्रस्तुति से सभी का ध्यान आकर्षित किया और देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों और झांकी में भाग लेने वाले कलाकारों को बधाई दी और इस उपलब्धि को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक खेलों के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तराखंड की झांकी ने अपनी सांस्कृतिक और साहसिक खेलों की विशेषताओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया। झांकी में राज्य की प्रसिद्ध ऐपण कला को दर्शाया गया, जो उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को उजागर करती है। ऐपण कला के माध्यम से राज्य की पारंपरिक कला और संस्कृति का दृश्य रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे दर्शकों को राज्य की धरोहर से परिचित होने का अवसर मिला।
इसके अलावा, झांकी में उत्तराखंड के साहसिक खेलों और साहसिक पर्यटन को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। झांकी में नैनीताल और मसूरी में हिल साइक्लिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में बंजी जंपिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों को जीवंत रूप में दिखाया गया। यह झांकी न केवल उत्तराखंड के साहसिक खेलों का प्रचार करती है, बल्कि राज्य को एक साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की झांकी को तीसरा स्थान मिलने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेलों को इस झांकी के माध्यम से बहुत ही प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि पर्यटकों को सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए हर संभव सुविधा प्रदान की जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल उत्तराखंड के सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है, बल्कि राज्य के साहसिक खेलों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। इसके लिए सरकार लगातार विभिन्न प्रयास कर रही है।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि उत्तराखंड की झांकी में राज्य से कुल 16 कलाकारों ने भाग लिया था। झांकी में राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाली ऐपण कला, साहसिक खेलों और पर्यटन को चित्रित किया गया। उन्होंने यह बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और साहसिक खेलों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए इस झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया था।
गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को तीसरा स्थान मिलने के साथ ही अन्य राज्यों की झांकियों ने भी अपनी जगह बनाई। गुजरात की झांकी ‘स्वर्णिम भारत: विकास और विरासत’ ने पहले स्थान पर कब्जा किया, जबकि उत्तर प्रदेश की झांकी ‘महाकुंभ 2025- स्वर्णिम भारत विकास और विरासत’ ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इन झांकियों में भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को उजागर करने के लिए विविध तरीकों का उपयोग किया गया।
उत्तराखंड के राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में भी एक और बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई। 38वें राष्ट्रीय खेलों पर आधारित सूचना विभाग की झांकी को प्रथम स्थान मिला। इस झांकी में उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल की विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं और राज्य के पारंपरिक खेल मलखंब को प्रदर्शित किया गया, जिससे राज्य की खेल संस्कृति को भी राष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला।
76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना विभाग की झांकी को प्रथम स्थान मिलने पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, साहसिक खेलों और पारंपरिक खेलों के सम्मान में दिया गया।