उत्तराखंड के फूलों की घाटी बेहद सुंदर है, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और रंग-बिरंगे फूलों के लिए प्रसिद्ध है, अब 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए बंद होने जा रही है। इस साल, 15 दिन बाद यह घाटी पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद हो जाएगी, जबकि अब तक यहां 19,425 पर्यटक आ चुके हैं।
वार्षिक यात्रा की समय सारणी
फूलों की घाटी हर साल 1 जून को पर्यटकों के लिए खोली जाती है और 31 अक्टूबर को बंद कर दी जाती है। इस दौरान, पर्यटक यहां की भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने आते हैं। जुलाई और अगस्त में इस घाटी में सबसे अधिक फूल खिलते हैं, और इसी समय पर्यटकों की संख्या भी अधिक होती है। इस बार 327 विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं, जो इस स्थान की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता को दर्शाते हैं।
पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ती संख्या
फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि इस वर्ष पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में केवल 13,161 पर्यटक ही घाटी में आए थे, जिसमें 401 विदेशी पर्यटक शामिल थे। इस साल की वृद्धि दर्शाती है कि फूलों की घाटी के प्रति लोगों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।
आर्थिक प्रभाव
इस वर्ष अब तक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के कारण विभाग को 31,73,400 रुपये की आय प्राप्त हुई है। कांडपाल ने कहा कि 31 अक्टूबर तक पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। घाटी के बंद होने के बाद भी, इस सीजन से स्थानीय व्यापारियों को लाभ हुआ है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
फूलों की घाटी का आकर्षण
फूलों की घाटी में हर साल हजारों पर्यटक आते हैं, जो यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और अद्वितीय फूलों का आनंद लेते हैं। इस घाटी में बुरांस, बर्फीले गुलाब और कई अन्य जंगली फूल खिलते हैं। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि फोटोग्राफरों और कलाकारों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।
पर्यटकों की आवाजाही पर असर
हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद, फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही में कमी आ जाती है। हालांकि, इस वर्ष अभी भी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। प्रशासन ने इस बारे में कहा कि वे घाटी में सुरक्षा और सुविधाओं को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।