पंजाब में शनिवार, 21 दिसंबर को नगर निगम चुनावों के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य के पांच प्रमुख नगर निगमों – अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और फगवाड़ा – के अलावा 44 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियाँ, आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD), अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ मुकाबले में हैं।
चुनावी मुकाबला और राजनीतिक दलों का संघर्ष
पंजाब नगर निगम चुनाव इस बार कई वजहों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP), जो राज्य में सत्ता में है, के लिए यह अग्निपरीक्षा के रूप में देखे जा रहे हैं। नवंबर महीने में हुए विधानसभा उपचुनावों में AAP ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, और अब पार्टी अपनी जीत की लय को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। वहीं, भाजपा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल भी इन चुनावों में अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब की राजनीति में, जहां सिख और पंजाबी वोट बैंक हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, वहां इन नगर निगम चुनावों को एक अहम मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। प्रत्येक पार्टी के लिए यह चुनाव अपनी स्थिति को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जनमत तैयार करने का मौका है।
नगर निगमों के वार्डों की संख्या और चुनावी प्रक्रिया
पंजाब में जिन नगर निगमों में चुनाव हो रहे हैं, उनमें अमृतसर और जालंधर के 85-85 वार्ड हैं, जबकि लुधियाना में 95, पटियाला में 60 और फगवाड़ा में 50 वार्ड हैं। इसके अलावा, राज्य की 44 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में कुल 598 वार्डों के लिए मतदान हो रहा है। इस चुनाव में कुल 3,336 उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है, जो विभिन्न पार्टियों से हैं।
मतदान के लिए कुल 3,809 मतदान केंद्रों की व्यवस्था की गई है। इन चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके।
सुरक्षा और मतदान प्रक्रिया
मतदान प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए पंजाब पुलिस और होमगार्ड के 21,500 कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव के दौरान कुल 23,000 चुनाव कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो मतदान केंद्रों पर उम्मीदवारों, मतदाताओं और मतदान सामग्री की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मतदान स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के लिए अधिकृत किया गया है। इन चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
आप के लिए चुनावी चुनौती
आम आदमी पार्टी (AAP), जो पंजाब में पिछले साल के विधानसभा चुनावों में बहुमत से सत्ता में आई थी, के लिए इन नगर निगम चुनावों में सफलता एक बड़ी चुनौती है। पार्टी चाहती है कि यह चुनावी जीत उनकी राज्य सरकार की कार्यक्षमता और जनप्रियता का प्रमाण बने। हालांकि, विपक्षी दलों के आक्रामक प्रचार ने AAP को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने पर मजबूर किया है।
AAP ने यह भी ऐलान किया था कि वह नगर निगम चुनावों में अपनी कार्यकर्ताओं की पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगी। पार्टी की रणनीति यह है कि वह शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ को और मजबूत कर सके, जहां उसने 2022 के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था।
भाजपा, कांग्रेस और शिअद का चुनावी रण
वहीं भाजपा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भी इस चुनाव को अपनी पार्टी की राजनीतिक स्थिति को पुनः स्थापित करने का अवसर माना है। भाजपा ने अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रचार अभियान शुरू किया है, जबकि कांग्रेस ने राज्य में अपनी पुरानी खोई हुई स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD), जो कभी राज्य में सत्ताधारी दल था, अब अपने पुराने गढ़ों को बचाने और अपने समर्थकों के बीच विश्वास को पुनः स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। पार्टी ने इस बार कुछ नए चेहरे भी चुनावी मैदान में उतारे हैं, जो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।