
पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ छेड़े गए “युद्ध नशे विरुद्ध” अभियान को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने नशा तस्करी के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए तीन कुख्यात तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में कुल 13.10 किलोग्राम हेरोइन, 5 अवैध पिस्टल, 12 जिंदा कारतूस, 3 मैगजीन, 3 लग्जरी गाड़ियां और ₹22,000 की ड्रग मनी जब्त की गई है।
पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि यह कार्रवाई अलग-अलग तारीखों पर की गई और पूछताछ के बाद पूरे नेटवर्क की परतें खुलीं। उन्होंने इसे “पंजाब में सक्रिय संगठित ड्रग सिंडिकेट पर करारा प्रहार” बताया।
पहली गिरफ्तारी: शिवम सोढ़ी उर्फ शिवा (20 मई)
अभियान की शुरुआत 20 मई 2025 को हुई, जब जालंधर पुलिस ने लम्मा पिंड चौक स्थित सिमरन एन्क्लेव के रहने वाले शिवम सोढ़ी उर्फ शिवा को हिरासत में लिया। जांच के दौरान उसके कब्जे से भारी मात्रा में हेरोइन, दो पिस्टल, कारतूस और एक लग्जरी कार बरामद हुई।
शिवा का नाम पहले भी नशा तस्करी के मामलों में उछल चुका था। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह पंजाब और पड़ोसी राज्यों से हेरोइन की सप्लाई में शामिल था और अक्सर लक्जरी गाड़ियों में ट्रांजैक्शन करता था ताकि शक न हो।
दूसरी गिरफ्तारी: बरिंदर सिंह उर्फ बब्बू (22 मई)
22 मई को पुलिस ने इसी नेटवर्क से जुड़े एक और व्यक्ति बरिंदर सिंह उर्फ बब्बू को अमर नगर, जालंधर से गिरफ्तार किया। उसके पास से भी बड़ी मात्रा में हेरोइन, दो अवैध हथियार, जिंदा कारतूस और दो लग्जरी वाहन बरामद किए गए।
बब्बू के मोबाइल फोन और लेनदेन रिकॉर्ड खंगालने पर यह खुलासा हुआ कि वह न केवल खुद तस्करी करता था बल्कि दूसरे जिलों के एजेंट्स को भी नशे की खेप भेजता था।
तीसरी गिरफ्तारी: सुखजीत सिंह उर्फ सुखा (23 जून)
पूछताछ के दौरान शिवा और बब्बू ने एक और साथी का नाम उजागर किया — सुखजीत सिंह उर्फ सुखा, जो बिशंबरपुरा, अमृतसर का रहने वाला है। उसे पुलिस ने 23 जून को गिरफ्तार किया।
उसके पास से 100 ग्राम हेरोइन, 3 अवैध पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सुखा पहले भी कई आपराधिक मामलों में आरोपी रहा है, जिसमें NDPS एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे शामिल हैं।
कुल बरामदगी: आंकड़ों में बड़ी सफलता
आइटम | मात्रा/संख्या |
---|---|
हेरोइन | 13.10 किलोग्राम |
अवैध पिस्टल | 5 |
जिंदा कारतूस | 12 |
मैगजीन | 3 |
लग्जरी गाड़ियां | 3 |
ड्रग मनी | ₹22,000 |
इस पूरी कार्रवाई को पुलिस की संगठित, योजनाबद्ध और गुप्तचर सूचनाओं पर आधारित रणनीति का नतीजा बताया जा रहा है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि ड्रग तस्करों के पास केवल नशा ही नहीं, बल्कि हथियारों का भी भंडार होता है, जिससे समाज की सुरक्षा को बड़ा खतरा है।
मुकदमा दर्ज, कानून की धाराएं सख्त
इन तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर-8, जालंधर में NDPS एक्ट की धाराएं 21-C (वाणिज्यिक मात्रा में तस्करी), 27-A (ड्रग नेटवर्क चलाने में संलिप्तता), 61 और 85, और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)B के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह सभी धाराएं संगीन अपराध की श्रेणी में आती हैं और इनमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
पुलिस कमिश्नर का बयान: “यह नेटवर्क सिर्फ जालंधर तक सीमित नहीं”
कमिश्नर धनप्रीत कौर ने बताया, “यह केस महज एक गिरफ्तारी नहीं बल्कि एक संगठित नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास है, जो पंजाब के विभिन्न जिलों और संभवतः अंतर्राज्यीय सीमा तक फैला है। हम ड्रग माफिया की पूरी चेन को तोड़ने के लिए आर्थिक लेनदेन, बैंक खातों और डिजिटल ट्रांजैक्शन की भी जांच कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों से बरामद मोबाइल फोन, बैंक रिकॉर्ड और गाड़ियों के नंबरों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
जांच का दायरा बढ़ा, इंटरपोल तक संपर्क की संभावना
सूत्रों के अनुसार पुलिस अब इस नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की भी जांच कर रही है। बरामद हेरोइन की शुद्धता और पैकेजिंग इस ओर इशारा करती है कि यह खेप अफगानिस्तान या पाकिस्तान के रास्ते भारत में लाई गई हो सकती है।
यदि अंतरराष्ट्रीय लिंक पाए जाते हैं, तो NIA और इंटरपोल की मदद भी ली जा सकती है।