- सुबह सात बजे से श्रीझंडेजी को उतारा गया
- 9 बजे श्रीझंडेजी को स्नान कराया गया
- 10 बजे से गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई
- पहले सादा गिलाफ, फिर शनील का गिलाफ
- और सबसे बाद में दर्शनी गिलाफ चढ़या जाएगा
- दोपहर एक बजे तक शनील गिलाफ चढ़ाया जाएगा
- दोपहर 2 से 4 बजे तक श्रीझंडेजी का आरोहण होगा
- पंजाब के हरभजन सिंह चढ़ाएंगे दर्शनी गिलाफ
- ऐतिहासिक झंडे जी मेले की परिक्रमा करता है बाज
- जानिए 347 साल पुराने इस मेले का राज
- साक्षी बनेंगे लाखों श्रद्धालु
देहरादून:श्रीझंडेजी के आरोहण के साथ आज से दून का ऐतिहासिक मेला शुरू हो जाएगा। सुबह से ही श्रीझंडेजी के आरोहण के लिए दरबार साहिब में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह सात बजे से पूजा की प्रक्रिया शुरू हुई और झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाने का काम शुरू हो गया है। इस बार पंजाब के होशियारपुर निवासी हरभजन सिंह पुत्र हरीसिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का अवसर मिला है। मेले को लेकर देशभर से कई संगतें दून पहुंची हैं। दोपहर बाद श्रीझंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
श्री झण्डे जी मेले का यह है एतिहासिक महत्व
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पांचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाचा जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल श्री दरबार साहिब, देहरादून में श्री झण्डे जी मेले का आयोजन किया जाता है।
झंडे मेले की परिक्रमा करता है बाज
मान्यता है कि हर साल जैसे ही झंडेजी का आरोहण होता है। एक बाज परिक्रमा करते हुए उनके ऊपर से गुजरता है। इसे गुरु रामराय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति एवं आशीर्वाद माना जाता है। बताया जाता है की यह बाज हर साल झंडेजी के आरोहण पर परिक्रमा करता है। इसे गुरु महाराज का आशीर्वाद माना जाता है।