
उत्तराखंड में इन दिनों मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक, बारिश और ओलावृष्टि ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि राज्य के कई हिस्सों में ठंड भी फिर से लौट आई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए राज्य में और अधिक खराब मौसम की चेतावनी दी है। विशेष रूप से सात और आठ मई को उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिससे प्रशासन और आम जनता दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।
पर्वतीय जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य के पर्वतीय जिलों—जैसे उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, और पिथौरागढ़—में आज और अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि मौसम की स्थिति सामान्य से अधिक गंभीर हो सकती है और इससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
मैदानी इलाकों में भी सतर्कता जरूरी
पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा, राज्य के मैदानी जिलों—जैसे हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और देहरादून—में भी मौसम की करवट देखने को मिल रही है। इन इलाकों में तेज हवाएं चलने और कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। येलो अलर्ट का तात्पर्य है कि मौसम सामान्य से अलग हो सकता है, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है। हालांकि, किसानों, यात्रियों और खुले में काम करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तरकाशी में विशेष सतर्कता की आवश्यकता
उत्तरकाशी जिले में सात और आठ मई को भारी बर्फबारी की चेतावनी ने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड में डाल दिया है। रेड अलर्ट का सीधा अर्थ है कि स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है। जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी से सड़कें बंद हो सकती हैं, बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है और भूस्खलन जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
प्रशासन ने कसी कमर
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मौसम की इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क कर दिया गया है। राहत और बचाव दलों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। स्कूलों में छुट्टी देने पर भी विचार किया जा रहा है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां मौसम का असर अधिक देखने को मिल रहा है।
पर्यटन पर असर
मई महीना आमतौर पर उत्तराखंड में पर्यटन का चरम समय होता है, जब हजारों की संख्या में पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। लेकिन मौसम के इस बदलाव का असर पर्यटन उद्योग पर भी साफ देखा जा रहा है। उत्तरकाशी, मसूरी, नैनीताल और औली जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। होटल व्यवसायियों और ट्रैवल एजेंसियों का कहना है कि कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है या स्थगित कर दी है।
किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण समय
बारिश और ओलावृष्टि का सबसे अधिक असर राज्य के किसानों पर पड़ रहा है। खासकर फल और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। आम, लीची और टमाटर की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। कई क्षेत्रों से खेतों में पानी भर जाने की खबरें आ रही हैं, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। कृषि विभाग ने किसानों को फसलों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है।
आने वाले दिनों का मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आठ मई तक राज्यभर में मौसम इसी प्रकार अस्थिर बना रहेगा। पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और बर्फबारी के साथ ओलावृष्टि की संभावना है। मैदानी इलाकों में तेज हवाएं चलने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। 9 मई से मौसम में कुछ सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन तब तक लोगों को सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है।