जस्टिस मनमोहन को रविवार, 29 सितंबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट का नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने उन्हें राज निवास में एक भव्य समारोह में शपथ दिलाई, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी भी मौजूद थीं।
जस्टिस मनमोहन का कार्यकाल
जस्टिस मनमोहन ने नवंबर 2023 से दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में सेवाएं दी हैं और लगभग 11 महीनों तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अदालत में जनता के मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कई गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर, और दिल्ली सरकार एवं न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में दिल्ली हाई कोर्ट के जज भी उपस्थित थे, जिनमें दिनेश कुमार शर्मा, अमित शर्मा, प्रतिभा एम सिंह, यशवंत वर्मा, मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा, जसमीत सिंह, प्रतीक जलान, रेखा पल्ली, अनिश दयाल और तुषार राव गेडेला शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश
जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद हुई। 21 सितंबर 2023 को केंद्र सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की थी। जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट में 13 मार्च 2008 को अडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया था और 2009 में उन्हें स्थायी जज का दर्जा मिला।
जस्टिस मनमोहन की पृष्ठभूमि
जस्टिस मनमोहन का जन्म 1962 में दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली से की। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के छात्र रहे जस्टिस मनमोहन ने 1987 में डीयू से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में वकालत की और कई महत्वपूर्ण मामलों में सरकार के सीनियर पैनल एडवोकेट की जिम्मेदारी निभाई। जनवरी 2003 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का सीनियर एडवोकेट बनाया गया था।
चीफ जस्टिस का पहला बयान
शपथ ग्रहण समारोह के बाद, चीफ जस्टिस मनमोहन ने अपने पहले बयान में कहा, “मैं बेहद खुश हूं कि मुझे दिल्ली हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। कोर्ट की यह प्राथमिकता रही है कि आम लोगों का जीवन आसान हो सके। कानून और न्याय को एक साथ चलाना सुनिश्चित करना भी हमारी मंशा है। आपने देखा होगा कि जब मैं कार्यवाहक चीफ जस्टिस था, पिछले कुछ महीनों में हमारा प्रयास रहा है कि अस्पताल की संरचना और ड्रेनेज सिस्टम सुधरे। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिल सके। यही हमारी प्राथमिकता है।”
न्यायपालिका के प्रति जन विश्वास
जस्टिस मनमोहन ने अपने कार्यकाल के दौरान न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि लोगों को न्याय मिलने में कोई बाधा न आए। इसके लिए हमें कोर्ट की प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाना होगा।”