बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में आ गई हैं। इस बार उन्होंने केंद्र सरकार से उन कृषि कानूनों को पुनः लागू करने की मांग की है, जिन्हें पिछले साल किसानों के बड़े विरोध के बाद निरस्त किया गया था।
किसानों की प्रतिक्रिया: आलोचना और विरोध
कंगना ने यह भी कहा कि किसानों को खुद इन कानूनों को लागू करने की मांग करनी चाहिए। उनके इस बयान पर किसान संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। किसानों का कहना है कि यह कंगना की मीडिया में बने रहने की रणनीति है, जो वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
विवाद का कारण: कृषि कानूनों का इतिहास
पिछले साल, भारत में तीन कृषि कानूनों को लेकर व्यापक विरोध हुआ था। किसानों ने इन कानूनों को ‘किसान विरोधी’ करार दिया था, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने उन्हें वापस लेने का फैसला किया। कंगना का यह नया बयान इस विवाद को फिर से ताजा कर रहा है।
कृषि कानून पर कंगना रनौत का बयान
वहीं कंगना रनौत ने तीन कृषि कानूनों की तुलना एक राष्ट्र एक चुनाव से भी की। उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। जिस तरह एक राष्ट्र एक चुनाव से नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें अक्सर चुनावी ड्यूटी पर जाना पड़ता है. वैसी ही किसानों को भी कृषि कानूनों के वापसी की मांग करने चाहिए। किसान संगठनों ने कंगना के बयान की आलोचना की है। उन्होंने इसे कंगना की सुर्खियों में बने रहने की रणनीति बताया।