
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन था और राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक देखने को मिली। भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव और कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान के बीच तीव्र बहस और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा, जिससे सदन का माहौल गरमाया।
भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने की सरकार की उपलब्धियों का बखान
रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान अपनी सरकार के कार्यों का जोरदार बचाव किया। उन्होंने कहा कि पहले लोग जमीन बेचकर नौकरियां पाते थे और दलालों के चक्कर में फंस जाते थे, लेकिन अब उनकी सरकार ने बिना किसी “खर्ची पर्ची” के रिकॉर्ड नौकरियों का वितरण किया है।
लक्ष्मण यादव ने कहा, “हमने जातिवाद और जिलावाद को खत्म करके ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया है। हमारी सरकार ने 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को नौकरी की गारंटी दी है।”
इसके अलावा उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कल विपक्षी नेता ईवीएम और रूस के मुद्दे उठा रहे थे, जबकि उनकी सरकार ने आरक्षण में वर्गीकरण की घोषणा की थी, जिससे प्रदेश में खुशियाँ मनाई जा रही थीं। यादव ने कहा, “हमें हैट्रिक बातों से नहीं बनती, हमारे काम बोलते हैं।”
कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने राज्यपाल के अभिभाषण पर उठाए सवाल
वहीं, कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने राज्यपाल के अभिभाषण को सरकार का महिमामंडन और हड़बड़ी में तैयार किया गया बताया। कादियान ने कहा, “राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का विजन होना चाहिए, लेकिन इसमें कई अहम मुद्दों का जिक्र ही नहीं किया गया। यह सिर्फ सरकार की तारीफों का पुलिंदा है, इसमें कमियों और उनके समाधान की कोई बात नहीं की गई।”
कादियान ने प्रदेश में बढ़ते गरीबी और किसानों की समस्याओं को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में 75 लाख लोग बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में आ चुके हैं, और यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग हरियाणा से हैं या बाहर से। इसके अलावा, कादियान ने मुख्यमंत्री से खाद की कमी और किसान आत्महत्याओं के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
कादियान ने हरियाणा में पानी के मुद्दे पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा, “एसवाईएल के मामले में सभी सरकारों ने अपनी विफलता साबित की है, और हमें रावी-ब्यास का पानी क्यों नहीं मिल सकता? अगर धारा 370 हट सकती है, तो पानी का अधिकार क्यों नहीं?”
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में भाजपा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने कभी भी भ्रष्टाचार या “पर्ची” से भर्ती करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा, “एक आदमी भी बताएं जिसे पर्ची या खर्ची से भर्ती किया गया हो। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और ऐसा कुछ भी नहीं होने देंगे।”
इसके बाद कांग्रेस विधायक भूपेंद्र हुड्डा ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए याद दिलाया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में गीता पर हाथ रखकर यह वचन लिया था कि अगर किसी ने गलत तरीके से भर्ती की है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा लेकिन अब तक इस मामले में कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस
सदन में भाजपा विधायक रामकुमार गौतम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा के बीच बयानबाजी का दौर चला। रामकुमार गौतम ने दावा किया कि जब उन्होंने भाजपा जॉइन की थी, तभी से यह साफ था कि पार्टी को 50 सीटें मिलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं था, बल्कि यह सिर्फ बीजेपी और हुड्डा पार्टी के बीच था।
इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “क्या कांग्रेस सिर्फ हुड्डा की है?” वहीं रामकुमार गौतम ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की 37 सीटें सट्टेबाजों की वजह से आईं और यह पार्टी कभी सत्ता में नहीं आएगी।
गौतम ने कहा, “कांग्रेस के कार्यकाल में नौकरी पाने के लिए सिफारिशों की जरूरत थी, जबकि आज युवा मेहनत करके नौकरियों में सफलता पा रहे हैं।” उन्होंने राहुल गांधी पर भी हमला करते हुए कहा, “राहुल गांधी बार-बार जाति जनगणना की बात करते हैं, जबकि अनुराग ठाकुर ने उनसे उनकी जाति के बारे में सवाल किया, तो वे चुप हो गए।”
सत्तापक्ष का जातिवाद पर विवादित बयान
रामकुमार गौतम ने विधानसभा में एक विवादित बयान देते हुए कहा कि जाट समाज के लोग सबसे ज्यादा नौकरी पा रहे हैं, क्योंकि वे काबिल हैं, न कि सिफारिशों के दम पर। इस पर कांग्रेस विधायक और सदन के स्पीकर ने सख्त प्रतिक्रिया दी और कहा कि सदन में जाति शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। स्पीकर ने चेतावनी दी कि यह शब्द सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाएगा।
गौतम ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा को जाट समुदाय का समर्थन है और यही समर्थन उनकी सरकार की सफलता की कुंजी है।