
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को वक्फ सुधार जन-जागरण अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यशाला का उद्देश्य वक्फ बोर्ड से संबंधित हालिया केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों की जानकारी देना और मुस्लिम समाज में इस विषय को लेकर जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय, विशेषकर महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी देखने को मिली। आयोजन के दौरान मुस्लिम महिलाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फूलों की वर्षा कर गर्मजोशी से स्वागत किया। यह दृश्य कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द और विश्वास के नए संकेत के रूप में देखा गया।
सीएम धामी ने रखे वक्फ संशोधन के फायदे
इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में किया गया संशोधन एक ऐतिहासिक और जनहितैषी निर्णय है। उन्होंने कहा कि वर्षों से वक्फ संपत्तियों पर एकतरफा दावे होते रहे हैं, लेकिन इसका लाभ आम मुस्लिम जनता, विशेषकर गरीब और वंचित तबकों को नहीं मिल पा रहा था। “लाखों एकड़ जमीन जिस पर वक्फ अपना दावा करता है, उसका कोई सीधा लाभ गरीब मुसलमानों को नहीं मिल रहा था। यह कानून उन लोगों के लिए कभी हितकारी नहीं रहा, जिनके नाम पर यह संपत्ति पंजीकृत की गई थी। अब इस संशोधन से पारदर्शिता आएगी और आम मुस्लिम समाज को उसका वास्तविक लाभ मिलेगा।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव केवल कानून में नहीं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक सोच लाने की दिशा में भी है। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समाज से आग्रह किया कि वे इस कानून को समझें, अपनाएं और इससे लाभ उठाएं। उन्होंने भाजपा सरकार की नीयत और नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार सभी वर्गों के साथ न्याय और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी रही अहम
कार्यशाला की खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शामिल हुईं। पुष्पवर्षा के माध्यम से मुख्यमंत्री का अभिनंदन कर उन्होंने यह संकेत दिया कि समाज के भीतर इस बदलाव को लेकर सकारात्मक सोच विकसित हो रही है। कई महिलाओं ने अपने अनुभव भी साझा किए और कहा कि उन्हें पहली बार लगा कि सरकार उनकी आवाज़ सुन रही है।
एक मुस्लिम महिला प्रतिभागी ने कहा: “पहले हमें लगता था कि वक्फ की संपत्ति केवल कुछ लोगों के लिए है, लेकिन अब जो बातें सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि हम जैसे आम मुसलमानों को भी इसका लाभ मिलेगा।”
कार्यशाला के दौरान कुछ मुस्लिम स्कॉलर और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वक्फ कानून की जटिलताओं को आसान भाषा में समझाया और बताया कि कैसे यह कानून अब लोगों के हित में बदला गया है।
दुष्यंत गौतम ने रखे भाजपा का दृष्टिकोण
भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और वक्फ संशोधन को मोदी सरकार की एक दूरदर्शी पहल बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी वादों की राजनीति नहीं करती, बल्कि समाज के सभी वर्गों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है।
“जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे दरअसल उन खास लोगों के हितों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों का वर्षों से निजी लाभ के लिए उपयोग किया। भाजपा इन खास लोगों की राजनीति को खत्म कर, आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
गौतम ने आगे कहा कि पार्टी का यह अभियान देशभर में चलेगा और हर राज्य में इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से मुस्लिम समाज को सही जानकारी दी जाएगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर कदम
कार्यशाला में वक्ताओं ने बताया कि नए संशोधन के तहत वक्फ बोर्डों की कार्यशैली में पारदर्शिता लाई जाएगी। अब संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, उपयोग और आय-व्यय की जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी या हेराफेरी को रोका जा सकेगा।
साथ ही यह भी बताया गया कि यदि कोई वक्फ संपत्ति वास्तव में समुदाय के हित में नहीं आ रही है, तो उस पर सरकार सार्वजनिक उपयोग के लिए योजना बना सकेगी। इसका लाभ अस्पताल, स्कूल, या सामाजिक कल्याण के अन्य कार्यक्रमों में लगाया जा सकेगा।