
चारधाम यात्रा के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक यमुनोत्री धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर चारधाम यात्रा के पहले महीने में पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत कम तीर्थयात्री पहुंचे हैं। एसडीसी फाउंडेशन द्वारा किए गए तुलनात्मक विश्लेषण में यह खुलासा हुआ है।
3.29 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, एक महीने में मिला 23 लाख से ज्यादा का चढ़ावा
चारधाम यात्रा के पहले तीर्थ स्थल यमुनोत्री में मई 2025 के महीने में करीब 3.29 लाख श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए, तप्त कुंड में डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालुओं की ओर से मिले दान और मंदिर व्यवस्थाओं से जुड़े शुल्कों के माध्यम से यमुनोत्री मंदिर समिति को 23 लाख रुपये से अधिक की आय हुई है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष और एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा, “चारधाम यात्रा इस वर्ष बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो रही है। श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है और इसका परिणाम यह है कि मंदिर समिति की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”
चारधाम में कुल यात्रियों की संख्या घटी: 2025 में 2.38 लाख कम तीर्थयात्री
हालांकि यमुनोत्री में स्थानीय व्यवस्थाएं बेहतर होने के बावजूद, चारधाम यात्रा में कुल मिलाकर 2025 के पहले महीने में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है। 2025 में चारधाम यात्रा के पहले माह में कुल 17,17,619 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि 2024 में यही आंकड़ा 19,56,269 था। यानी इस साल 2,38,650 तीर्थयात्री कम आए, जो 12 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।
धामवार श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट का विश्लेषण
एसडीसी फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार:
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केदारनाथ धाम:, 2024 में: 7,48,348 श्रद्धालु, 2025 में: 6,49,161 श्रद्धालु, गिरावट: 13%
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बदरीनाथ धाम: 2024 में: 4,72,065, 2025 में: 4,57,409, गिरावट: 3%
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यमुनोत्री धाम:, 2024 में: 3,46,545, 2025 में: 3,02,713, गिरावट: 11%
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गंगोत्री धाम: 2024 में: 3,39,892, 2025 में: 2,93,228, गिरावट: 14%
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हेमकुंड साहिब: आंकड़े स्पष्ट नहीं पर समग्र यात्रा में शामिल।
कमी के पीछे कारण: मौसम, लॉजिस्टिक्स और ऑनलाइन पंजीकरण की बाधाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में आई गिरावट के पीछे अप्रत्याशित मौसम, रास्तों की मरम्मत, ऑनलाइन पंजीकरण की तकनीकी समस्याएं, और प्रारंभिक दिनों में आई भूस्खलन की घटनाएं अहम कारण रही हैं। कई यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि ई-रिकॉर्डिंग और दर्शन पास के जटिल ऑनलाइन सिस्टम के कारण वे पंजीकरण नहीं करा पाए।
इसके अलावा, चारधाम यात्रा के शुरुआती सप्ताहों में कुछ सड़क मार्गों पर भूस्खलन और बारिश के कारण बाधाएं आई थीं, जिससे कई यात्रियों ने अपनी यात्रा को टाल दिया या रद्द कर दिया।
यमुनोत्री: चुनौतीपूर्ण मार्ग के बावजूद श्रद्धालु उत्साहित
यमुनोत्री मार्ग भौगोलिक रूप से सबसे कठिन माने जाते हैं। श्रद्धालुओं को जानकीचट्टी से 6 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है। फिर भी इस वर्ष 3,02,713 श्रद्धालु यमुनोत्री पहुंचे जो कि एक बड़ी संख्या है। हालांकि यह संख्या पिछले वर्ष से कम है, फिर भी स्थानीय प्रशासन की व्यवस्थाओं की वजह से यहां श्रद्धालुओं का अनुभव सकारात्मक रहा।
मंदिर समिति ने भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाओं, पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए कई पहल की हैं। दान पात्रों और रसीद बुक के माध्यम से आय पारदर्शी तरीके से संकलित की जा रही है, जिससे मंदिर की व्यवस्थाएं और भी मजबूत हो रही हैं।