
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से उत्पन्न हालात ने यमुनोत्री धाम व आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। यमुनोत्री हाईवे लगातार दसवें दिन भी बंद है, जिससे न सिर्फ आवाजाही ठप है, बल्कि राहत व बचाव कार्य भी बाधित हो रहे हैं। विद्युत आपूर्ति पांचवें दिन भी बहाल नहीं हो सकी, जिससे क्षेत्र में अंधेरा पसरा हुआ है और संचार सुविधाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं।
बढ़ते जलस्तर, टूटे सड़क मार्ग, झील में तब्दील हुए रास्ते और बिजली की अनुपलब्धता ने यमुनोत्री धाम को बाहरी दुनिया से लगभग काट दिया है। इस कठिन समय में श्रद्धालु और स्थानीय लोग बेहद कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मां यमुना की आरती भी अब दीपक और मोमबत्तियों की रोशनी में की जा रही है, जो संकट की इस घड़ी का दर्दनाक चित्र प्रस्तुत करता है।
स्यानाचट्टी में बनी झील बनी खतरा
यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास यमुना नदी के तेज बहाव के कारण झील जैसी स्थिति बन गई है। झील का जलस्तर इस कदर बढ़ चुका है कि पानी पुल के ऊपर से बहने लगा है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने बैरियर लगाकर दोनों ओर से आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है।
हालांकि दिन में स्थिति थोड़ी सामान्य हुई, लेकिन नदी का पानी अब भी पुल के निचले हिस्से को छूते हुए बह रहा है, जिससे वाहन चालकों के लिए खतरा बरकरार है। स्थानीय प्रशासन ने पुल की निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन फिलहाल कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।
जंगलचट्टी और नारदचट्टी में 11वें दिन भी बंद है रास्ता
यमुनोत्री हाईवे पर जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास पिछले 11 दिनों से मलबा और पत्थर गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध है। इसके अलावा सिलाई बैंड के पास भी लैंडस्लाइडिंग के चलते दूसरी बार रास्ता बंद हो गया है। यहां लगातार पहाड़ से बड़े चट्टानी पत्थर गिर रहे हैं, जिससे सड़क खोलने का कार्य अत्यधिक जोखिम भरा हो गया है।
एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता (ईई) मनोज रावत ने बताया कि “टीम पूरी मुस्तैदी से कार्य में जुटी है, लेकिन सुरक्षा जोखिम के चलते कार्य में विलंब हो रहा है। फिर भी हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी मार्ग खोला जा सके।”
पांचवें दिन भी अंधेरे में डूबा यमुनोत्री क्षेत्र
यमुनोत्री धाम और उससे जुड़े गीठ पट्टी के आधा दर्जन गांवों — जैसे जानकीचट्टी, नारायण पुरी, खरसाली, बनास, फूलचट्टी और दुर्बिल — में लगातार पांचवें दिन भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। बिजली गुल होने से न सिर्फ अंधेरा छाया हुआ है, बल्कि मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं हो पा रहे, जिससे लोग अपनों से संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं।
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया, “बिजली के बिना जीवन जैसे ठहर गया है। रोजमर्रा के कामों से लेकर मंदिर की पूजा-अर्चना तक सभी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। बरसात के कारण रात में डर का माहौल बना रहता है।”
बिजली लाइन मरम्मत में भी बाधा
हनुमान चट्टी के पास बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है, लेकिन हाईवे बंद होने के कारण विद्युत विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंच पा रही है। एसडीओ अजय सेमवाल ने जानकारी दी कि सड़क खुलने में कम से कम दो और दिन लग सकते हैं, जिसके बाद ही मरम्मत का काम शुरू हो सकेगा।
ग्रामीणों ने बिजली विभाग से जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है ताकि कम से कम मंदिर और आवश्यक सेवाओं को चालू किया जा सके।
दीपक और मोमबत्ती के सहारे चल रही मंदिर की व्यवस्था
बिजली की अनुपस्थिति में यमुनोत्री मंदिर में पूजा-पाठ बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सांयकालीन आरती दीपक और मोमबत्ती की रोशनी में की जा रही है। मंदिर के तीर्थ पुरोहित और रसोइयों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
धाम के रसोइए धनंजय नैथानी ने बताया,“जनरेटर की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन बारिश और नमी के कारण उसमें तकनीकी खराबी आ गई। और अब उसमें डीज़ल की भी कमी हो गई है। बाहर से कोई तकनीशियन नहीं बुला सकते क्योंकि रास्ता बंद है।” मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि यदि जल्द कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो मंदिर की दैनिक गतिविधियों को संचालित करना और भी कठिन हो जाएगा।