
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का लोगो जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट का भी उद्घाटन किया। इस लोगो में ‘सर्वसिद्धिप्रद: कुंभ’ का उद्घोष है, जो महाकुंभ की विशेषता को दर्शाता है। लोगो में एक मंदिर, श्रद्धालुओं की भीड़, जल, कलश और उसके ऊपर नारियल तथा पत्तों का प्रतीकात्मक चित्रण किया गया है, जबकि नीचे लिखा है ‘महाकुंभ प्रयागराज 2025’।
लोगो के प्रतीकों का महत्व
इस लोगो में धार्मिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक ‘अमृत कलश’ शामिल किया गया है, जो समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। इस कलश के माध्यम से महाकुंभ के आयोजन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व दर्शाया गया है। इसके साथ ही प्रयागराज का त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है, को भी लोगो में प्रमुखता से दिखाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी का संदेश
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज मुझे धर्म, संस्कृति एवं अध्यात्म की पावन भूमि ‘तीर्थराज’ प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के दृष्टिगत पूज्य साधु-संतों से संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ।” उन्होंने महाकुंभ के आयोजन की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है।
महाकुंभ की तैयारियां
लोगो का अनावरण करते हुए सीएम योगी ने यह भी बताया कि स्थाई निर्माण कार्यों में बाढ़ और बारिश के कारण एक महीने की देरी हुई है, लेकिन महाकुंभ के आयोजन से पहले सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, “महाकुंभ के इस वैश्विक आयोजन में आपके सहयोग की जरूरत है। हर व्यक्ति का वेरिफिकेशन होना चाहिए, ताकि स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ का आयोजन हो सके।”
महाकुंभ 2025 की भव्यता
सीएम योगी ने महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बताते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदारी सभी stakeholders की होगी। उन्होंने साधु-संतों और अखाड़ों को यह समझाने की कोशिश की कि महाकुंभ का आयोजन सभी का है और श्रद्धालुओं का सम्मान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार इस आयोजन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देगी।
अखाड़ों के साथ संवाद
सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अखाड़ों के साधु संतों के साथ बातचीत की और उन्हें इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि “महाकुंभ में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाएगा।”
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है, और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश के लिए महत्वपूर्ण है। महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला बनाता है।
सुरक्षा और व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। सीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।